नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय गोट दिवस के अवसर पर भारत में बकरी पालन को वैज्ञानिक, आधुनिक और व्यावसायिक रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य से सेंट्रल इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च ऑन गोट्स (CIRG), मथुरा और युवान एग्रो गोट फार्म एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, आगरा के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया गया।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य बकरी पालन को नई दिशा देना और किसानों को अत्याधुनिक अनुसंधान, तकनीक तथा प्रशिक्षण से जोड़ना है।
समझौते के प्रमुख बिंदु –
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सामूहिक अनुसंधान एवं विकास – आधुनिक बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त शोध कार्य।
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वीर्य परीक्षण एवं कृत्रिम गर्भाधान – उच्च गुणवत्ता वाले कृत्रिम गर्भाधान हेतु वीर्य परीक्षण की सुविधाएं।
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गर्भधारण पहचान किट का विकास – किसानों को समय पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तकनीकी सहायता।
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क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास – किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक बकरी पालन का प्रशिक्षण।
युवान एग्रो गोट फार्म एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक श्री डी.के. सिंह ने कहा –
“यह समझौता किसानों के जीवन में परिवर्तनकारी साबित होगा। युवान एग्रो का लक्ष्य अगले दस वर्षों में 10,000 किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक बकरी पालन से जोड़ना है। युवान एग्रो फार्म 250,000 वर्ग फुट की भूमि पर विशेष रूप–से–ग्रामीण इलाकों के लिए बनाया हुआ है। यह फार्म उच्च नस्ल की बकरियों का घर है। फार्म में लगभग 5000 गोट्स हैं और अगले 5 साल में 25000 जानवर तक पहुंचने का लक्ष्य है।”
इस अवसर पर सीआईआरजी के निदेशक ने कहा –
“युवान एग्रो और सीआईआरजी का यह सहयोग भारत में बकरी पालन के क्षेत्र में नई दिशा देगा तथा छोटे किसानों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
सेंट्रल इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च ऑन गोट्स (CIRG) का यह ऐतिहासिक मिशन निश्चित रूप से बकरी पालन को एक नए आयाम तक ले जाएगा।